कोई भी विचारधारा जो मनुष्यता से ऊपर किसी भी अन्य वस्तु, व्यक्ति, भूखंड, जाति, नस्ल, धर्म व विचार इत्यादि को किसी भी प्रकार से प्रथम स्तरीय मानयता देती हो और सर्वजन सद्भाव, समभाव एवं हित जिस में गौण अथवा द्वितीय श्रेणी में आते हों, वो कभी भी किसी भी प्रकार से सर्व जनमानस के लिए कल्याणकारी नहीँ हो सकती । #कंवल
by अहं सत्य
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